
ख़ुशी टाइम्स\जबलपुर: जिले के सभी पंजीकृत निजी चिकित्सकों को अब दवाएं लिखते समय नियमों का पालन करना होगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. संजय मिश्रा ने शिकायतों के आधार पर यह निर्देश जारी किए हैं कि प्रिस्क्रिप्शन में दवाओं का नाम अनिवार्य रूप से जेनेरिक नाम से ही लिखा जाए, ताकि मरीजों को आवश्यक दवा लेने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
चुनिंदा दुकानों पर ही उपलब्ध दवाएं
सीएमएचओ ने बताया कि हाल ही में मिली शिकायतों में यह पाया गया कि कुछ चिकित्सक ऐसी दवाएं लिख रहे हैं जो केवल उनके क्लिनिक से जुड़े मेडिकल स्टोर या चुनिंदा फार्मेसी पर ही उपलब्ध होती हैं। इस कारण मरीजों और उनके परिजनों को दवा ढूंढने में समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती है, साथ ही मानसिक परेशानी भी झेलनी पड़ती है। जारी निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि यदि ब्रांड नाम लिखना आवश्यक हो तो उसे केवल संदर्भ के रूप में जेनेरिक नाम के साथ ही लिखा जाए। चिकित्सक ऐसी दवाएं न लिखें जो केवल एक ही दुकान पर मिलती हों, बल्कि ऐसी दवाएं लिखें जो शहर के किसी भी मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हों।सीएमएचओ ने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और राज्य शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सभी चिकित्सकों को पालन करना अनिवार्य है। यह कदम मरीजों की सुविधा, दवा उपलब्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। डॉ. मिश्रा ने चेतावनी दी कि यदि कोई चिकित्सक इन निर्देशों का पालन नहीं करता, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवा का उद्देश्य मरीजों को सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है, न कि उन्हें अनावश्यक आर्थिक बोझ देना।
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