
जानकारी विस्तार से
राजभर पिछले कई सालों से बेरोजगार युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर धोखा दे रहा था। अब तक वह एक दर्जन से अधिक लोगों से करीब 45 लाख रुपये ठग चुका है। कार्रवाई उस समय हुई जब मिलिट्री इंटेलिजेंस को मुखबिर से उसके ठिकाने और गतिविधियों की पुख्ता सूचना मिली। टीम ने योजना बनाकर उसे दबोच लिया और उसके पास से कई फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किए। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को रांझी थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि ठगी के इस नेटवर्क में और लोग शामिल हैं या आरोपी अकेले ही यह धोखाधड़ी कर रहा था। यह मामला न केवल युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि फर्जी भर्ती रैकेट बेरोजगारी और भरोसे का फायदा उठाकर किस तरह से लोगों को निशाना बनाते हैं।
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