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जानकारी विस्तार से
गिरफ्तार आरोपी की पहचान अजय लांबा के रूप में हुई है, जो दिल्ली के इंडिया गेट इलाके से पकड़ा गया। पुलिस के अनुसार यह गिरोह पिछले कई वर्षों से एक्टिव था। अब तक कई कैब ड्राइवरों को अपना शिकार बना चुका है.पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह गैंग रेंट पर कैब बुक करता था। ड्राइवर को उत्तराखंड की ओर ले जाकर पहले उसे नशीला पदार्थ देकर बेहोश करता था। इसके बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी जाती थी। लाश को अल्मोड़ा, हल्द्वानी और उधमसिंह नगर जैसे इलाकों की गहरी खाइयों में फेंक दिया जाता था, जिससे शव कभी बरामद न हो सकें. हत्या के बाद आरोपी कैब को नेपाल ले जाकर ऊंचे दामों में बेचते थे। अब तक इस केस में चार ड्राइवरों की हत्या की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से केवल एक शव पुलिस बरामद कर सकी है। बाकी तीन शवों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस को शक है कि यह गैंग दर्जनों मिसिंग कैब ड्राइवर केसों से जुड़ा हो सकता है, और उनकी हत्या भी इन्हीं आरोपियों ने की हो।
गिरफ्तार आरोपी अजय लांबा नेपाल में भी करीब 10 साल तक छिपा रहा और वहीं की एक युवती से शादी की। उसके खिलाफ दिल्ली में ड्रग्स तस्करी और ओडिशा में डकैती जैसे संगीन मामलों में पहले भी जेल जा चुका है। इस गैंग के अन्य सदस्य धीरेंद्र और दिलीप पांडे पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन एक और अहम आरोपी धीरज अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है। दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए इस सीरियल किलर से गहन पूछताछ जारी है. दिल्ली से लेकर उत्तराखंड और नेपाल तक फैले इस गिरोह का नेटवर्क अब पुलिस के निशाने पर है।
गिरफ्तार आरोपी अजय लांबा नेपाल में भी करीब 10 साल तक छिपा रहा और वहीं की एक युवती से शादी की। उसके खिलाफ दिल्ली में ड्रग्स तस्करी और ओडिशा में डकैती जैसे संगीन मामलों में पहले भी जेल जा चुका है। इस गैंग के अन्य सदस्य धीरेंद्र और दिलीप पांडे पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन एक और अहम आरोपी धीरज अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है। दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए इस सीरियल किलर से गहन पूछताछ जारी है. दिल्ली से लेकर उत्तराखंड और नेपाल तक फैले इस गिरोह का नेटवर्क अब पुलिस के निशाने पर है।