कूनो नेशनल पार्क में चीता शावक की संदिग्ध मौत, वन विभाग में हड़कंप


मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में हाल ही में जंगल में छोड़े गए दो चीता शावकों में से एक की मौत हो गई। वन विभाग की टीम को 10 महीने के शावक का शव जंगल क्षेत्र में मिला है। अधिकारियों ने बताया कि मृत शावक मादा चीता वीरा की संतान था। जिसे उसके दूसरे शावक के साथ एक दिन पहले ही जंगल में छोड़ा गया था।

वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के मौके पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने चीता वीरा और उसके दोनों शावकों को औपचारिक रूप से जंगली क्षेत्र में छोड़ा था।यह कदम कूनो में चीतों के पुनर्वास और प्राकृतिक वातावरण में उनकी स्वतंत्र गतिविधि को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया था। हालांकि, घटना के कुछ ही घंटों बाद एक शावक अपनी मां और भाई से अलग हो गया। विभाग को रात में उसके सिग्नल कमजोर मिले जिसके बाद सुबह उसकी खोज शुरू हुई और दोपहर में वह मृत पाया गया। 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार

अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक शावक की मौत के वास्तविक कारणों की पुष्टि संभव नहीं है।शुरुआती अनुमान के आधार पर माना जा रहा है कि शावक शायद अनजाने में अपनी मां से दूर भटक गया और किसी प्राकृतिक कारण या संभावित खतरनाक परिस्थिति का शिकार हो सकता है। विभाग ने स्पष्ट किया कि इस घटना को गंभीरता से लेते हुए विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि मादा चीता वीरा और उसका दूसरा शावक पूरी तरह सुरक्षित हैं और निरंतर निगरानी में हैं। दोनों के स्वास्थ्य को लेकर कोई खतरा नहीं बताया गया है। विभाग की टीमें लगातार उनके मूवमेंट, खान-पान और गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं।

शावक की मौत के बाद कूनो नेशनल पार्क में चीतों की कुल संख्या घटकर 28 रह गई है। इनमें 8 वयस्क चीते - 5 मादा और 3 नर हैं और 20 भारत में जन्मे शावक शामिल हैं। वन विभाग का कहना है कि कूनो में मौजूद सभी जीवित चीतों का स्वास्थ्य फिलहाल सामान्य और संतोषजनक है। अधिकारियों का कहना है कि हालिया घटना चिंता का विषय जरूर है, लेकिन बड़े पैमाने पर देखा जाए तो कूनो में चीतों का प्रजनन और उनका प्राकृतिक अनुकूलन सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि शावकों का अपनी मां से कभी-कभी अलग हो जाना जंगली व्यवहार का हिस्सा होता है हालांकि ऐसे मामलों में नियंत्रण और सुरक्षा की चुनौती बढ़ जाती है।

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