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मेरे को रूल्स पता है, Overconfident Kid, पांचवे सवाल पर हुए टाए टाए फिस


खुशी टाइम्स/एंटरटेनमेंट : कौन बनेगा करोड़पति (KBC 17) के मंच पर उस रात एक ऐसा नज़ारा देखने को मिला, जिसने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया — कभी-कभी ज़्यादा आत्मविश्वास भी हार की वजह बन जाता है।

गुजरात के गांधीनगर से आए 10 वर्षीय इशित भट्ट जो की 5वी कक्षा में थे खेल में इशित भट्ट शुरू से ही सबका ध्यान अपनी ओर खींच रहे थे। तेज़ बोलचाल, तुरंत जवाब और फुल कॉन्फिडेंस के साथ वे फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट पार कर सीधे हॉट सीट पर पहुंचे और फिर इशित भट्ट ने शुरू के चार सवालो का जवाब बड़ी ही समझदारी के साथ दिया कुछ सवालो में तो उन्हें खुद पर इतना आत्मविश्वाश था की इशित बिना विकल्प सुने ही जवाब दे दिया करते थे अमिताभ बच्चन ने भी उनकी समझ और तत्परता की तारीफ की। शुरू में सब कुछ परफेक्ट चल रहा था जेसे खले  इशित भट्ट का हो  वे बिना विकल्प सुने ही जवाब दे देते थे, और सही भी निकलते थे। 

सेट पर बैठे दर्शक और सोशल मीडिया पर दर्शक दोनों ही उन्हें “Mini Genius” कहने लगे। लेकिन KBC के मंच पर किस्मत और ज्ञान के साथ ज़रूरी है संयम — और यही एक चीज़ इस छोटे जीनियस से छूट गई। आइये जानते है कौन सा था वो सवाल 


❌ एक गलत जवाब और होशियार कौआ गिर गया ..... में

पाँचवाँ सवाल आया —
“वाल्मीकि रामायण का पहला कांड क्या कहलाता है?”
विकल्प थे:
A) बालकांड
B) अयोध्याकांड
C) किष्किंधा कांड
D) युद्धकांड

बिना ज़्यादा सोचे इशित ने कहा — “अयोध्याकांड लॉक करो! जब अमिताभ बच्चन ने पुछा लॉक कर दूं तब  इशित ने कहा सर एक क्या उसमे चार लॉक लगा दो लेकिन लॉक करो, अरे लॉक करो” लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था। सही जवाब था — बालकांड इस एक गलती ने खेल खत्म कर दिया। इशित को एक भी रुपया जीते बिना शो छोड़ना पड़ा।

अमिताभ बच्चन ने बड़े प्यार से कहा  —
“कभी-कभी बच्चों को ज़्यादा आत्मविश्वास में गलती हो जाती है,
लेकिन ये भी एक सीख है — अगले बार सोचकर जवाब देना।”

उनके इस वाक्य पर पूरा सेट तालियों से गूंज उठा। सोशल मीडिया में हलचल शुरू हो गयी  एपिसोड के बाद सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंट गया —कुछ लोगों ने बच्चे की ओवरकॉन्फिडेंस की आलोचना की, तो वहीं कई लोगों ने कहा कि इतनी कम उम्र में मंच पर बैठना ही अपने-आप में बड़ी बात है। मनोवैज्ञानिकों ने भी कहा कि इशित जैसा व्यवहार बच्चों में इम्पल्स कंट्रोल की कमी का नतीजा होता है, और इस पर मज़ाक उड़ाने की बजाय उसे समझना चाहिए।

इशित की कहानी ने साबित किया कि
“ज्ञान जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी है धैर्य।”
कभी-कभी ज़्यादा होशियारी खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार देती है।

जैसे कहावत है —
“होशियार कौआ हमेशा गू में गिरता है।”




फिल हाल इशित  ने अमिताभ बच्चन से अपने Instagram पर अपने अति आत्मविश्वाशी बर्ताव के लिए माफ़ी मांगे है और उन्होंने कहा की  "मैंने एक बड़ा सबक सीखा है कि कैसे शब्द और कर्म हमारी पहचान को दर्शाते हैं, खासकर इतने बड़े मंच पर। मैं वादा करता हूँ कि भविष्य में मैं और भी विनम्र, सम्मानजनक और विचारशील रहूँगा उन सभी का धन्यवाद जिन्होंने अब भी मेरा साथ दिया और मुझे इस गलती से सीखने का मौका दिया"।

ख़ुशीटाइम्स  की राय
हर गलती एक नई शुरुआत का रास्ता खोलती है। आज इशित हारे ज़रूर, लेकिन उनकी हिम्मत और आत्मविश्वास करोड़ों बच्चों के लिए प्रेरणा है। क्योंकि असली जीत सिर्फ रकम की नहीं, सीख की होती है।

@रहमान 

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