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Khushitimes Crimestory Ep02 दरिंदा शिक्षक : एक बलात्कारी जिसने सजा से बचने के लिए रची अपनी ही मौत की कहानी


आज आपको एक ऐसी घटना बतायेगे जिसको जानकर आपको भी हैरानी होगी की कैसे एक 40 वर्षीय स्कूल मास्टर ने बलात्कार की सजा से बचने के लिए अपनी मौत की साजिश रची और वो कामयाब भी हो गया था कोर्ट ने उसका केस बंद कर दिया था लेकिन पीडिता की मा ने आवाज़ उठायी और कोर्ट में संघर्ष किया और उसने ये साबित किया की बलात्कारी मरा नहीं जीवित है

आईये जानते घटना के बारे में :
अक्टूबर 2018 :


एक 12 वर्षीय नाबालिक लड़की शौच के लिए गन्ने के खेत पे जाती है तभी उस बच्ची को पढ़ाने वाला स्कूल मास्टर नीरज मोदी उस बच्ची को पकड़ लेता है और उसके साथ बलात्कार करता बच्ची बचने का बहुत प्रयाश करती है लेकिन उसके सारे प्रयाश विफल रहते है नीरज मोदी ने उसका एक अश्लील वीडियो भी बनाया और धमकी दी की अगर उसने इस घटना का कही जिक्र किया तो वो ये विडिओ सोशल मीडिया पर डाल देगा |

नीरज मोदी अक्सर उस लड़की को स्कूल में बिना वजह पीटा करता था जिससे बच्ची डर जाये बच्ची की मा के अनुशार बच्ची अक्सर घर में आके बताती थी की नीरज मास्टर साहब बहुत मरते है और बिना वजह मरते है लड़की की मा ने लेकिन ध्यान नही दिया उसको लगा शायद पढायी की वजह से मारते होगे इसी वजह से बच्ची कह रही है |

10 दिनों बाद लड़की घटना की जानकारी अपनी मा को देती है की उसके साथ ऐसा हुआ है मा अपनी लड़की को लेके पुलिस स्टेशन जाती पुलिस नीरज मोदी को गिरफ्तार करके जेल भेज देती है बच्ची फिर से स्कूल जाना शुरु कर देती है लेकिन 2 महीने बाद नीरज जमानत पर बहार आ जाता है बच्ची डर की वजह से फिर से स्कूल जाना बंद कर देती है

तारीखों का सिलसिला शुरु होता है
अब केस बड़ी तेजी से चल रहा नीरज और उसके पिता राजाराम जो की एक किसान थे उनको लगने लगा की बचना अब नामुकिन है तो नीरज और नीरज के पिता ने एक अनोखी साजिश रची ...जिसको जानकार आप लोग भी हैरान हो जाएगे कि क्या ऐसा भी होता है हमारे सिस्टम में 

नीरज के पिता ने कोर्ट में एक अर्जी दी की उनके बेटे नीरज मोदी का देहांत हो गया है इसलिए उनके बेटे का केस बंद कर दिया जाये सबूत के रूप में नीरज के पिता ने नीरज का डेथ सर्टिफिकेट और चिता पर लेते नीरज मोदी की फोटोग्राफ ,चिता को जलाने के लिए खरीदी गयी लकड़ियों की रसीद पेश की राजाराम ने गवाह के रूप में 5 लोगों के आधार कार्ड पेश किये एक हलफनामा भी पेश किया लेकिन मौत का कोई कारण नहीं बताया गया था सिर्फ बीमारी बताया गया था कौन सी बीमारी थी इसका कोई जिक्र नहीं था

लड़की की मा जो नीरज के ही गाव की रहने वाली होती है और एक झोपड़ी में रहती है उसको 2023 मई में पता चला की कोर्ट में उसका केस बंद कर दिया गया है क्योकि नीरज मोदी की मौत हो गयी है लड़की की मा को यकीन नही होता है की नीरज मोदी मर गया है क्योकि गांव में किसी को जानकारी नही थी सबसे बड़ी बात की नीरज मोदी के परिवार में किसी ने सर नही मुड़वाया था लड़की की मा ने गांव के कई घरों में नीरज के मरने के बारे में पूछा लेकिन सभी ने जानकारी होने से मना कर दिया लिहाजा लड़की की मा कोर्ट जाती है लेकिन कोर्ट उस से नीरज मोदी के जिन्दा होने के सबूत मांगती है वो हताश हो जाती है क्योकि उसको यकीन था की नीरज मोदी जिन्दा है |

लड़की की मा तहसील स्तर के एक वरिष्ठ अधिकारी को प्राथना पत्र देती है की ग्राम पंचायत के फर्जी कागजों के आधार पर नीरज मोदी ने म्रत्यु प्रमाण पत्र बनवाया है और नीरज मोदी जिन्दा है |

प्राथना पत्र मिलते ही जांच शुरु होती है अधिकारी गांव के कई घरों में जाते है लेकिन सभी गांव वाले घटना की जानकारी होने से इन्कार करते है करीबी जो रिश्तेदार होते है उनसे भी पूंचतांच की जाती है लेकिन हैरानी की बात ये होती है की रिश्तेदार भी घटना की जानकारी होने से इन्कार करते है जांच अधिकारी नीरज के पिता राजाराम से पूंचतांच करते है लेकिन वो कोई सही जवाब नहीं दे पाते है जांच अधिकारियों को अब शक होने लगता है ताजा सबूत मांगे जाते है लेकिन वो देने में विफल रहते है राजाराम ने कोर्ट में जो 5 आधार कार्ड बतौर गवाह के रूप में पेश किये थे उनकी भी जांच होती है तो सभी गवाहों ने बताया की उनके बच्चे उसी स्कूल में पढ़ते है जिसमे नीरज मोदी पढाता था उसने ये कह कर आधार लिए थे की बच्चों की छात्रवृति आनी है तो उसमे लगेगे

जांच अधिकारयों ने जान लिया की प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाया गया और जो गवाह सबूत दिए गए थे वो भी फर्जी थे नीरज मोदी ने सजा से बचने के लिए अपनी मौत का नाटक रचा था 9 मई को नीरज का मृतु प्रमाण पत्र कैंसिल कर दिया गया | लड़की की मा ने कोर्ट में नीरज मोदी को गिरफ्तार करने की याचिका डाली अक्टूबर के महीने में नीरज मोदी ने कोर्ट में खुद को सरेंडर कर दिया पुलिस ने नीरज के पिता राजाराम पर भी जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया एक गरीब मा ने अपनी बेटी के लिए जैसा संघर्ष किया वो खुद में एक मिशाल है नीरज मोदी को अदालत ने 14 वर्ष का कारावास दंड दिया उसने जैसा किया उसको वैसी सजा मिली लेकिन ये जालसाजी करके उसने पूरे सिस्टम का मजाक बनाया था और वो कामयाब भी हो गया था लेकिन एक मा ने अपना हौसला नहीं खोया और अंत में उनकी जीत हुयी

इस स्टोरी के बारे में आपकी क्या राय है कमेंट करके बताये  माननीय उच्च न्यायलय के आदेश अनुशार पीड़ित पक्ष का नाम व पता गोपनीय रखा गया है 

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