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भैंस ढूंढने जंगल में गया किसान और मिल गया पैंथर, मौत


जयपुर: राजस्थान के कोटपूतली बहरोड जिले के बानसूर में पैंथर ने एक किसान पर हमला कर दिया. इस घटना में किसान की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि किसान भैंस ढूंढने के लिए जंगल में गया था. इसी दौरान पहले से घात लगाकर बैठे पैंथर ने उस पर हमला कर दिया. किसान का शव घटना के दो दिन बाद पहाड़ी के पास छत विक्षत अवस्था में पड़ा हुआ मिला. मामले की जानकारी पुलिस और वन विभाग को दी गई है. बानसूर के रामपुर के पास बहरामका बास गांव के रहने वाले हनुमान की भैंस दो दिन से लापता थी. उसको ढूंढने के लिए हनुमान जंगल में गया और उसके बाद घर नहीं लौटा. उधर, परिजन भैंस और हनुमान को ढूंढने में लग रहे

इसी बीच दो दिन बाद एक ग्रामीण ने बताया कि हनुमान का शव जंगल में पड़ा हुआ है. परिजन मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों को दी. कुछ देर में बानसूर पुलिस घटना स्थल पर पहुंची. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया, लेकिन नाराज परिजनों ने शव को हाथ नहीं लगाने दिया.


परिजनों ने वन विभाग से उचित मुआवजा देने की मांग की. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर बानसूर डीएसपी सत्य प्रकाश मीणा और वन विभाग के एसीएफ अकबरपुर राजेंद्र प्रसाद सहित वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. उन्होंने परिजनों को समझाया और मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाने की बात कही. मगर, परिजनों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं ले जाने दिया.

वन विभाग के एसीएफ अकबरपुर राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने परिजनों से कहा कि पोस्टमार्टम होने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा. लिहाजा, शव का पोस्टमार्टम होना जरूरी है. इस पर परिजन शव का पोस्टमार्टम करने के लिए तैयार हुए. मेडिकल बोर्ड ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम किया और उसके बाद पुलिस ने शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया.


इस दौरान बानसूर व हरसोरा थाने की पुलिस मौजूद रही. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इस मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी जाएगी. अगर हनुमान की मौत जंगली जानवर के हमले से हुई है, तो सरकार और वन विभाग द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा.

मृतक के बेटे रोशन लाल ने बताया कि हनुमान का शव विक्षत हालत में पड़ा हुआ मिला है. उनके शरीर पर जंगली जानवर के नाखून व दातों के निशान मिले हैं. बीते कुछ दिनों से क्षेत्र में पैंथर घूम रहा था और पैंथर पहले भी कई पशुओं पर हमला कर चुका है. इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई, लेकिन वन विभाग की तरफ से इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई.


रोशन लाल ने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनके पिता की मौत हुई है. अगर वन विभाग की टीम पैंथर को पकड़ लेती, तो उनके पिता की जान नहीं जाती. वहीं, पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दिलवाले व मामले में हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है.

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